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Full text of "फ्लोरेंस नाइटिंगेल - हिंदी - बालसाहित्य"

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फ्लोरेंस 
नाइटिगेल 


एम्मा फिशेल 





फ्लोरेंस नाइटिंगेल 


"चलो यूरोप की एक लंबी यात्रा करते हैं," 
मिसेज़ नाइटिंगेल ने मिस्टर नाइटिगेल से कहा, 
"जैसा कि अन्य अमीर लोग करते हैं." 


जब तक वे घर वापिस पहुंचे तब तक उनके दो 
बच्चे हो चुके थे. प्रत्येक का नाम उन्होंने उस शहर 
के नाम पर रखा जहां बच्चा पैदा हुआ था. पार्थनोप 
और फ्लोरेंस. 





फ्लोरेंस के पास खेलने के लिए 
बहत सारे खिलौने और पालत जानवर 


नाइटिंगेल परिवार डर्बीशायर के अपने 
घर में रहते थे. वो एक बहत बड़ा घर था, 


डर 


और सत्ताईस चचेरे भाई-बहन थे. 


्> 


लेकिन वो मिसेज़ नाइटिंगेल के लिए इतना 


बड़ा नहीं था. 





उन्होंने हैम्पशायर में भी एक 


इसलिए उ 
बड़ा घर खरीदा. 





तब लड़कियों का जीवन बहुत अलग फ्लोरेंस की माँ चिंतित थी. "कोई भी 
होता था. तब गरीब लड़कियों के लिए स्कूत्र ही चतुर लड़कियों को पसंद नहीं करता है!" 


नहीं होते थे और अमीर लड़कियों को भी उन्होंने कहा. "पियानो बजाना, कढ़ाई करना, 

ज्यादा नहीं पढ़ाया जाता था. फूल व्यवस्थित सजाना - यही फ्लोरेंस को 
हालाँकि, फ्लोरेंस ने अपने पिता की सीखना चाहिए!" 

बदौलत काफी पढ़ाई की. लेकिन फ्लोरेंस बड़ी होकर फूल सजाने से 


कहीं अधिक करना चाहती थी 









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जब फ्लोरेंस सत्रह वर्ष की थी तब लेकिन फ्लोरैंस अंत में घूमने से ऊब 


नाइटिंगेल परिवार फिर से यूरोप चला गई. वापस घर पहुंचने पर उसे खुशी हुई. 
गया. उन्होंने कई अलग-अलग देशों का "मैं बहुत पार्टियां में शामिल हुई हूँ," 
दौरा किया और खूब मौज-मस्ती की उसने कहा. "अब मुझे गणित पटनी है | 





माता-पिता को वो विचार बिल्कुल 
अच्छा नहीं लगा. 












कक 
#* 


इसलिए फ्लोरैंस ने कुछ ऐसा करने 23800 65 है 
की सोची जो उसके माता-पिता उसे करने | लग लक्नकतः 2) 
देते. वो गरीब और बीमार लोगों से मिलने अमल कर 
गई. उसने उनकी मदद करने की पूरी ७2 ६ # 
कोशिश की. 








फ्लोरेंस और अधिक जानना चाहती 
थी. "मुझे अब एक अस्पताल में काम 
करना चाहिए," उसने कहा. 


अस्पताल में काम की बात सुनकर 
उसके पिता बहुत गुस्सा हुए. उस समय के 
अस्पताल आज जैसे नहीं थे. 

"नर्सिंग?" उसकी माँ ने कहा. "वो तो 
बेहद शर्म की बात होगी! इससे अच्छा तुम 
रसोईंघर की नौकरानी बन जाओ!' 






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लेकिन एक शख्स ने फ्लोरेंस का 
पक्ष लिया. वो सिडनी हबैट थे और वो 
एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति थे. 


"नर्सिंग को तुम जैसे लोगों की ज़रूरत 
है," उन्होंने कहा. "यदि तुम सच में सीखना 
चाहते हो, तो इन पुस्तकों से शुरू करो! 





हवा 


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३! 
















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४) 
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२ 





फ्लोरेंस ने वो किताबें लीं और 
उनका गुप्त रूप से अध्ययन किया. 










फ्लोरेंस ने जितना अधिक ने पढ़ा, 
उतना ही वो समझी कि उसे चीजों को 
बदलने की कितनी कोशिश करनी है. 


/८ 
///// 


जब फ्लोरेंस उनतीस वर्ष की थी, रिचर्ड 
मॉन्कटन मिल्नेस नामक एक पत्रकार ने उन्हें 
शादी का प्रस्ताव दिया. 


"मैं एक अच्छी नर्स और एक अच्छी 
पत्नी नहीं हो सकती," फ्लोरेंस ने उदास होकर 
कहा. "मुझे "न" कहना होगा." 








"हम तुम्हें विदेश भेजेंगे," फ्लोरैंस 
की माँ ने कहा. "फिर नर्स बनने की 
तमन्ना तुम्हारे दिमाग से हमेशा के 
लिए निकल जाएगी!" 


कैसरवर्थ इंस्टिट्यूट 
स्वयंसेवी नर्से की हमेशा स्वागत! 


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लेकिन माँ ने जैसा सोचा था वैसा नहीं हुआ. 
असल में उसका उल्टा हुआ. जब वो विदेश में थी 
तो फ्लोरेंस को सीखने की सही जगह मिली. और 
वहां उसे रोकने वाला कोई नहीं था. 


अस्पताल में फ्लोरेंस हर सुबह जब फ्लोरैंस अपने बीमार परिवार को 
पांच बजे उठती थी और वो देर रात स्वस्थ्य बनाने के लिए काम कर रही थी तब 
तक काम करती थी. उसकी ख्याति दूर-दूर तक फ़ैल रही थी. फ्लोरेंस 
से एक बड़ा अस्पताल चलाने को कहा गया. 







हक एक नर्स का होना बहत 


आशा ए। टाटा मैं दो घंटे में ड्रेसिंग बदल दूंगी... ) 
2२ ८९०, े 


तीन महीने बाद जब वो घर आई, 
तो उसे अपने ही घर में अभ्यास के लिए 
बहुत काम मिल गया. 


फ्लोरेंस ने जल्द ही अनुभव किया जल्द ही हजारों लोग बीमार हो 
कि अस्पताल चलाने का मतलब था, गए. फिर फ्लोरेंस हैजा पीड़ितों से भरे 
वहां उसे सब कुछ करना पड़ता था. तभी एक बड़े अस्पताल में चली गई. 
हैजा नामक एक भयानक बीमारी फैली. 





परिवार को उसकी बहुत चिंता थी. 
हैजा पकड़ना बहुत आसान था और उस 
बीमारी से कई लोगों की मौत हो चुकी थी. 











८४६ ही बुरी खबर आई. 


>- मपऋत्‌फफफककककम्ाोानतमय--+--न॒_य ज्काीर 
सर... “2 -हजमम»--........ अर. 


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[७ ०८००७०९ (85५ 








युद्धक्षेत्र की तुलना में अस्पतालों में अधिक 
लोग मरते हैं - विलियम हाँवर्ड रसेल 


घायल सैनिकों को तुर्की के स्कूटरी 
नामक स्थान पर ले जाया जाता था. लेकिन 
वहां डॉक्टरों की मदद के लिए एक भी नर्स 
लेकिन बीमारी ही एकमात्र खतरा हे का अप हे 
नहीं नहीं थी. 
नहीं था. रूस और तुर्की के बीच युद्ध छिड़ ही 
गया था. एक साल बाद, ब्रिटेन और फ्रांस 


"सैनिक बेवजह मर रहे हैं. मुझे कुछ 


भी रूस के खिलाफ खड़े हो गए थे. करना चाहिए," फ्लोरेंस ने सोचा. 





फिर फ्लोरेंस ने सिडनी हर्बर्ट को लिखा ... 


सिडनी हर्बर्ट ने फ्लोरैंस को स्कूटरी में 
अस्पताल चलाने के लिए कहा. जल्द ही 
फ्लोरेंस और अड़तीस नर्स तुर्की के लिए 
रवाना हुईं 






वे 4 नवंबर, 854 को वे स्कूटरी 
पहुंचीं. फ्लोरेंस अब चौंतीस साल की थी. 


वहां सब कुछ गंदा था. साफ पानी 
नहीं था, कोई दवा नहीं थी, पट्टी तक नहीं 
थी, साबुन और तौलिए भी नहीं थे. 


वहां का अस्पताल अंधेरा और गंदा था. 
हर जगह, घायल सैनिक पड़े थे और वे मर 
रहे थे. साथ-साथ और घायल सैनिक 
लगातार आ रहे थे. अधिकांश सैनिकों की हालत सुधरने 
के बजाए ओर बिगड़ रही थी. 





"सबसे पहले सैनिकों को साफ-सुथरा फिर फ्लोरेंस ने एक घर किराए पर 


करके उन्हें अच्छी तरह से खिलाया जाना लिया. वहां उसने सैनिकों की चादरें और 
चाहिए," फ्लोरेंस ने कहा. फिर वो उसकी नर्से कपड़े साफ़ करने के लिए धोबीघाट बनाया. 
इस काम में लग गईं. वो बहत कम ही सो पाई. 


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उसे हर दिन नई-नई समस्याओं को "युद्धकाल में अस्पताल चलाना 
सुलझाना पड़ता था. एक महिला के बस की बात नहीं है?" 
उन्होंने कहा. 


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५ आई हैं...लेकिन सभी सड़ी हैं! 89 0. न 
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ज़रुरत है! 


५ 


क+आ में एक मरा हुआ हक 
। घोड़ा पड़ा है! द् 


पाक ाताव्आलाताइकर ठंडी हैं 
" फिर से ठंडी हैं। 






लेकिन फ्लोरेंस ने धमकाया और 
6 2 श  आ कक लोगों से काम करवाया. फिर धीरे-धीरे 
डॉक्टर भी फ्लोरेंस को नहीं चाहते थे. सेना के मय 
अस्पताल बेहतर होने लगा. 


कुछ अधिकारी भी उसे नापसंद करते थे. 


घायल सैनिक फ्लोरेंस से प्यार करते 
थे. उसने उन्हें ठीक करने में मदद करने के 
लिए जो संभव था वो सब कुछ किया. 

उसने इंग्लैंड से किताबें और खेल और 
फ्रांस से शतरंज मंगवाया. 

उसने उन सैनिकों के लिए पत्र भी 
लिखे जो खुद लिखना नहीं जानते थे. 


और हर शाम वो सैनिकों से 
गुडनाइट कहने के लिए हरेक वार्ड का 
चक्कर लगाती थी. 





उन्हें बिगाड़ रही है! 








सैनिकों ने उसे "दिए वाली महिला" 
(लेडी विद द लैंप) बुलाया. 


तभी फ्लोरेंस खद बरी रूप से बीमार जब युद्ध समाप्त हुआ, तो इंग्लैंड में उसके 
पड़ गई. बारह दिनों तक किसी को नहीं पता स्वागत के लिए बड़े समारोहों की एक योजना 
था कि वो ज़िंदा रहेगी या मरेगी. बनाई गई. 
लेकिन फ्लोरेंस वो सब हंगामा नहीं 


अब तक, इंग्लैंड में लोग उसके बारे में 
और उसके बहादुरी के काम के बारे में काफी चाहती थी, इसलिए उसने उन सभी को बेवकूफ 


कुछ जान गए थे. हल, 





सभी लोग उसकी खबर का बेसब्री से ५ अब अपार शा 
इंतजार दा रहे थे आपका बैग, मिस स्मिथ ) 








महारानी विक्टोरिया ने फ्लोरैंस को 


स्कॉटलैंड में अपने साथ रहने के लिए 
आमंत्रित किया. 










आग 





उन्हें उपदेश मतदेना! ) उपदेश मत देना! 
याद रखना वो तम्हारी 
महारानी हैं 





फ्लोरेंस ने रानी को स्कूटरी की 
भयावहता के बारे में बताया. "और अगर 


हमने चीजों को नहीं बदला, तो वही दुर्दशा 
दुबारा होगी," उसने कहा. 


फिर फ्लोरेंस ने महारानी को अपने 
कुछ विचार बताए. 





"हम फ्लोरैंस के ज्ञान और अनुभव से 
काफी प्रभावित हैं," रानी ने कहा. 


न्न गलत था? उसने यह पता लगाने की 
नर वर्कहाउस ] बच्चों को कितनी बार कोशिश की, और फिर चीजों को बेहतर बनाने 


ताजे फल मि ? 










९७) न हट 

टी उसने महत्वपूर्ण लोगों को यह बताया कि 

उन्हें क्या करने की ज़रुरत थी, भले ही उनमें से 

ज़्यादातर ने उसकी बात को नज़रअंदाज़ 

किया. 

पर धीरे-धीरे, उसने अपने काम पूरे किए. 
न आओ 8 बह आह खाक आज कक 


फ्लोरेंस केवल सेना के अस्पताल को ही 
नहीं बदलना चाहती थी. 





उसने उन वकैहाउस का दौरा किया, 
जहां सबसे गरीब लोग रहते थे. वो झुग्गी- 
झोपड़ियों का चक्कर लगाती थी, जहाँ घरों में 
एक साथ एक भीड़ रहती थी और बीमारियाँ 
तेजी से फैलती थीं. 





सिडनी हर्बर्ट, फ्लोरेंस के बारे में चिंतित थे. 
"तुम बहुत ज्यादा काम कर रही हो," उन्होंने 
कहा. 

"काफी नहीं, सिडनी!" फ्लोरेंस ने कहा. 


"और अब मेरे पास भारत में स्थिति सुधारने के 
बारे में भी कुछ विचार हा 





हालाँकि भारत बहुत दूर था, लेकिन 
उस समय वहां अंग्रेजों का शासन था. वहां 
लाखों की संख्या में बीमारियों और भूख से 
मर रहे थे. 

फ्लोरैंस ने पूरे भारत में डॉक्टरों को 
पत्र लिखे. उसने उनसे ढेर सवाल पूछे. 





और उसे ठेर सारे जवाब भी मिले. वो सारे 
उत्तर उसने भारत में समस्याओं पर अपनी एक 
रिपोर्ट में लिखे. वो रिपोर्ट दो हजार पेज लंबी थी. 


नर्सो के लिए एक प्रशिक्षण स्कूल 
स्थापित किया गया और उसका नाम 
फ्लोरेंस के नाम पर रखा गया. प्रशिक्षण के 
दौरान छात्र अस्पताल में ही रहते थे. 










किड्ज साल में दस 
पाउंड पॉकेट मनी! 













वो नाइटिंगेल 
नर्स जा रही हैं. 


चालीस और साठ की उम्र के बीच 
फ्लोरैंस बहुत बीमार रही. लेकिन बिस्तर में फ्लोरेंस अपने छात्रों के प्रति बहुत दयालु 
लेटे रहने के बावजूद उसने कभी भी काम थीं. वो उनके लिए चाय पार्टियां आयोजित 
करना बंद नहीं किया - हालाँकि उसकी करती थीं और उन्हें छुट्टी पर जाने के लिए पैसे 


बिल्लियाँ कभी-कभी ऐसा करती थीं. भी देती थीं. 





जब फ्लोरेंस अस्सी साल की हुईं तब 
उनकी आंखों की रोशनी इतनी खराब हो गई 
कि उन्हें काम करना बंद करना पड़ा. उसी वर्ष 
महारानी विक्टोरिया की मृत्यु हो गई. 


नए राजा, एडवर्ड सप्तम ने फ्लोरेंस को 
एक विशेष सम्मान दिया, जिसे "ऑर्डर ऑफ 
मेरिट" कहा जाता है. यह पहली बार था जब 
वो सम्मान किसी महिला को दिया गया था. 









5 धि 53 अप पलसंस नाहिंगल नवटिगे्ल “- «3 ९ 
हि “|... /- | फलोरेंस नाइटिंगेल 22/ 
४4 ८० लय ४4५ न ५४ - 
; नम 820 24% 224९८ 
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हि 2 52 ॥३२५ / ह पु ॥<६ 5 


नब्बे वर्ष की आयु में फ्लोरेंस की मृत्यु हुई. 
सब लोग चाहते थे कि उनका अंतिम संस्कार 
वेस्टमिंस्टर एब्बे में बहुत सम्मान के साथ हो. 


के | /ज्त्ज कट 5 997 
् 2 ० । न्धिः | 
जोडी 7238 ० रु का ४ 
१ ५ की ५ वा का श् पुष्य "कट - न क 
न 4 ह-+ हा र् - 4 > हि हल ि 357 ८ 
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लेकिन फ्लोरेंस ने लोगों से वो समारोह 
नहीं आयोजित करने के लिए कहा था. 


आगे के तथ्य 
डॉक्टर और नर्स 
डॉक्टर बनने वाली पहली ब्रिटिश महिला को 
डॉक्टरी की पढाई के लिए अमेरिका और 
स्विटजरलैंड जाना पड़ा. उस समय ब्रिटिश 
विश्वविद्यालयों में केवल लड़के ही पढ़ सकते थे. 


झमाानाम्याममयरााडाु 
| नाइटिंगेल 


भाइटिंगेल ट्रेनिंग स्कूल __] 


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नाइटिंगेल ट्रेनिंग स्कूल ने दिखाया कि 
नर्सिंग का काम बिस्तरों की चादर बदलने और 
मरीजों को खिलाने से कहीं ज्यादा था. पहली 
बार नर्सों ने यूनिफार्म पहनी और परीक्षाएं दीं. 


जगहें और गंध 

फ्लोरेंस के कुछ सुधार बहुत सरल थे, जैसे 
अस्पताल की खिड़कियां खोलना! कई लोग मानते 
थेकि ताजी हवा बीमारियां फैलती थी इसलिए 
खिड़कियां सर्दियों की शुरुआत में ही बंद कर दी 
जाती थीं. 

बहुत सारे अस्पतालों में कोई शौचालय नहीं 
था, बिस्तरों के नीचे सिर्फ शौच के लिए बर्तन रखे 
होते थे. वे अक्सर काफी बहुत भरे होते थे. 





आर ५ ७४ ++. नल लकीी ५. चमक क... बा क्र 


फ्लोरेंस ने अपने अस्पतालों में मरीज़ के. ४ 
बिस्तर अलग करने के लिए स्क्रीन लगाई. | 
इससे पहले, अधिकांश ऑपरेशन अन्य सभी _ _ /_ 
रोगियों के पूर्ण दृश्य में किए जाते थे. 


कुछ महत्वपूर्ण तिथियां 


फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जीवनकाल 

4820 फ्लोरेंस का जन्म 42 मई को फ्लोरेंस, इटली में हुआ. 

837 विक्टोरिया इंग्लैंड की महारानी बनीं. फ्लोरेंस यूरोप के दौरे पर गईं. 

4854 डसेलडोफी, जम॑नी. में कैसरवर्थ में तीन महीने काम किया. 

4853 लंदन के हार्ले स्ट्रीट में अपना पहला अस्पताल चलाया. 

854 क्रीमिया युद्ध शुरू हुआ. नवंबर में फ्लोरेंस सेना के अस्पताल में काम करने के 
लिए तुर्की के स्कूटरी गड. 

855 फ्लोरेंस खतरनाक रूप से बीमार पड़ीं लेकिन ठीक हो गईं. 

856 युद्ध समाप्त हुआ. फ्लोरेंस इंग्लैंड लौटीं और महारानी विक्टोरिया से मिलीं. 
860 लंदन में नर्सो के लिए नाइटिंगेल ट्रेनिंग स्कूल खोला. 

4904 महारानी विक्टोरिया का निधन. 

4907 फ्लोरेंस, ऑर्डर ऑफ मेरिट से सम्मानित. 

940 43 अगस्त को फ्लोरैंस की मृत्यु हुई.